Sunday 9 September 2012

Avinash's Blog: यह उस वीर सपूत को सलाम है मेरा जिसने अपनी वीरता से...

Avinash's Blog: यह उस वीर सपूत को सलाम है मेरा जिसने अपनी वीरता से...: यह उस वीर सपूत को सलाम है मेरा जिसने अपनी वीरता से कारगिल के युद्ध में भारत माँ के तीन आँचल बचाए। केप्टन  विक्रम बत्रा ; आप हमेशा यादों में...
यह उस वीर सपूत को सलाम है मेरा जिसने अपनी वीरता से कारगिल के युद्ध में भारत माँ के तीन आँचल बचाए। केप्टन  विक्रम बत्रा ; आप हमेशा यादों में रहो न रहो , पर हमसे ज़्यादा वो आज़ाद वादियाँ जिन्हें आपने दहशतगर्दों से आज़ाद करवाया था , उनमे आपके पाक पवित्र लहू की खुश्बू  हमेशा रहेंगी :----
          तेरी आँचल की ताग मैं,
          सरका तो क्या 
          तेरा दामन सलामत रहे।
          तेरे पैरों की धुल मैं,
          उड़ा तो क्या 
          तेरा ताज सलामत रहे।
          तेरी पूजा का फूल मैं,
          टूटा तो क्या 
         गुलशन तेरा सलामत रहे।
         तूने ही दिया ;
         तेरा ही था ;
          तुझको दे दिया,
          बस तू ! सलामत रहे।
          छु न पाए कोई काफिर 
          तेरे दामन को ,
          जब तलक मेरे जिस्म में 
           माँ ! तेरा लहू और 
           दिल में आखरी साँस  सलामत रहे ............।

Avinash's Blog: चाँद  ख़ूबसूरत  है  ........चाँद खूबसूरत है ,मगर ...

Avinash's Blog: चाँद  ख़ूबसूरत  है  ........
चाँद खूबसूरत है ,मगर ...
: चाँद  ख़ूबसूरत  है  ........ चाँद खूबसूरत है , मगर सितारों से नहीं। ग़र वो न हों आसमां  में , तो चाँद किसपे इतराएगा। नज़रें जानि...
चाँद  ख़ूबसूरत  है  ........

चाँद खूबसूरत है ,
मगर सितारों से नहीं।
ग़र वो न हों आसमां  में ,
तो चाँद किसपे इतराएगा।
नज़रें जानिब हैं,
मगर अश्कों से नहीं।
ये न हों तो अपनी हसरत,
नज़र कैसे बयाँ  कर पायेगा।
आशिकी का मज़ा,
हुश्न-ए-फ़ितरत  में है।
आशिक़ी हो ना अगर,
हुश्न पछताएगा।
जाम  हूँ मैं मुह्होब्बत का 
रश्क ले कर पियो।
सारे ग़म ये तेरा 
फ़ना कर  जाएगा।
चाँद खूबसूरत है 
मग़र .......
बिन पिए जिनकी फ़ितरत 
ख़ुमारी में है,
उनके रूह में बसा 
है इबादत का नशा।
ग़र जो पी के भी जिनके 
भूलें हसरत नहीं,
उनपे कैसे चढ़े 
ज़िन्दगी का नशा।
चाँद खूबसूरत है,
मग़र  .......
मैं फ़क़त इक फ़क़ीर,
अम्ने-उल्फ़त  का हूँ।
मुझसे ये मत कहो;
"जंग अच्छी यहाँ ".
कितने उजड़े बसेरे 
मेरे और तेरे।
अब तो पी लो ज़रा ,
अम्ने-सोहबत यहाँ।
मैं कहूँ जिस्म क्या
रूह खिल जाएगी,
रश्क-ए-हज़रत  तेरी भी 
संवर जाएगी।
जी ज़रूरत जहाँ ;
ख़त्म इज्ज़त जहाँ।
चाँद खूबसूरत है ,
मगर .......